झुंझुनू में मुसलमानों की महापंचायत, दोनों मुख्य पार्टियों के लिए खतरे की घंटी

-महापंचायत में वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि या तो कांग्रेस मुस्लिम को उम्मीदवार बनाए या फिर परिणाम भुगते

-झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी

 

जयपुर (रॉयल पत्रिका)। झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव को लेकर वहां के मुसलमानों में हलचल साफ नजर आने लगी है। इसी सिलसिले में मुस्लिम न्याय मंच के बैनर तले शुक्रवार (जुम्मे के रोज)  एक महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें मुस्लिम समाज की 30 बिरादरी के लोगों ने शिरकत की । मुस्लिम महापंचायत में वक्ताओं ने खुलकर मुस्लिम राजनीति,  नेताओं के धोखे, राजनीतिक पार्टियों का मुस्लिम के साथ व्यवहार एवं कांग्रेस और भाजपा की कार्यशैली पर विचार व्यक्त  किए । प्रदेश में चुनावों को लेकर मुस्लिम समाज की यह पहली बैठक थी, जिसमें मुस्लिम समाज (झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र) के लोग नेताओं को सुनने बड़ी तादाद में पहुंचे और अंत तक बैठे रहे । मुस्लिम सभा में वक्ताओं ने वर्तमान सांसद बृजेंद्र सिंह ओला से नाराजगी जताई और मुस्लिम समाज के विकास पर ध्यान नहीं देने और मुस्लिम मुद्दों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया है । वक्ताओं ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि कांग्रेस मुसलमानों को वोट बैंक बनाए रखना चाहती है, जबकि मुसलमान कांग्रेस को वोट देना अपनी वफादारी समझता है ।

 

 

मुस्लिम महापंचायत का क्या प्रभाव –

 

झुंझनू विधानसभा क्षेत्र में करीब 75 हज़ार मुस्लिम मतदाता हैं । मुस्लिम समाज ज्यादातर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को वोट देते आए हैं । झुंझनू लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर निर्णायक स्थिति में हैं । वर्तमान सांसद बृजेंद्र ओला की जीत मुस्लिम वोटरों के आधार पर ही हुई है । झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र से कैप्टन अय्यूब खान दो बार सांसद रह चुके हैं और झुंझनू विधानसभा क्षेत्र से राजस्थान के पूर्व कद्दावर नेता माहिर आजाद एक बार विधायक रह चुके हैं । अगर झुंझुनू में मुसलमानो का आक्रोश कांग्रेस पार्टी और वर्तमान सांसद बृजेंद्र ओला के प्रति बढ़ता है और मुसलमान कोई जमीनी निर्णय लेते हैं तो यहां कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है । कांग्रेस से बगावत करके मुसलमान झुंझुनू विधानसभा उप चुनाव में यदि एक साझी उम्मीदवार उतारते हैं तो चुनाव में कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा को भी नुकसान हो सकता है । भाजपा को नुकसान कम इसलिए माना जाएगा कि यहां भाजपा एकाधबार ही जीती है । बड़ा नुकसान भाजपा को तब माना जायेगा जब मुस्लिम उम्मीदवार किसी तीसरी पार्टी से चुनाव में उतरे और जीते । ऐसी स्थिति में प्रदेश में तीसरी राजनीतिक ताकत के  कयास शुरू हो जाएगा और भाजपा कांग्रेस दोनों को बड़े नुकसान की शुरुआत होगी ।

 

कौन मुस्लिम उम्मीदवार हो सकता है –

झुंझनू विधानसभा क्षेत्र में दो मुस्लिम उम्मीदवार प्रमुख रूप से दिखाई दे रहे हैं । जिनमें से एक है मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एम डी चौपदार। जो पिछले तीन बार से झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से टिकट मांगते आ रहे हैं । एम डी चौपदार कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ता हैं और झुंझनू जिले के बड़े मुस्लिम व्यवसाई हैं । लेकिन झुंझनू सांसद बृजेंद्र ओला से उनका विरोधाभास है । कांग्रेस पार्टी के सभी बड़े नेताओं से उनके अच्छे संबंध है और आर्थिक रुप से मजबूत कांग्रेस नेता हैं । दूसरे उम्मीदवार रिटायर्ड आईएएस अशफाक हुसैन का नाम मजबूती से लिया जा सकता है । रिटायर्ड आईएएस अशफ़ाक हुसैन सरकार के दबंग एवं कुशल अधिकारियों में शामिल किए जाते हैं । शिक्षा एवं विकास के मुद्दों को गहराई से समझते हैं । उनके परिवार में दामाद, बेटी एवं भतीजा वर्तमान में आईएएस हैं और कई आरएएस एवं अन्य अधिकारी हैं । मुस्लिम समाज का विकास कैसे करना है, वह अच्छी तरह समझते हैं, सरकारी नीतियों एवं योजनाओं की गहरी जानकारी है । अशफ़ाक हुसैन के बड़े भाई मरहूम रिटायर्ड आईजी लियाकत अली राजस्थान बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। उनके दामाद सीकर जिले के एवम उनके छोटे भाई जाकिर हुसैन हनुमानगढ़ और गंगानगर जिले के कलेक्टर रह चुके हैं । अशफाक हुसैन की क्षेत्र के सभी समाज में अच्छी पैठ है ।

 

मुस्लिम महासभा में बोलते हुए मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष एवं कांग्रेस पार्टी के विधानसभा उपचुनाव में टिकट मांग रहे एम डी चौपदार ने कहा कि झुंझुनू एवं राजस्थान का मुसलमान कांग्रेस का वफादार है। कांग्रेस की वफादारी के लिए उसने भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवारों को कई बार हराया है। झुंझुनू के वर्तमान सांसद भी मुस्लिम क्षेत्रों से बढ़त लेकर ही जीते हैं। अब उनको यह सीट मुसलमान उम्मीदवार के लिए छोड़नी चाहिए। अगर सासंद ओला को मुझसे कोई शिकायत है तो उनके 70 हज़ार वोटरों में से मुझे छोड़कर टिकट दिलवानी चाहिए। चौपदार ने मुस्लिम समाज के निर्णय के साथ रहने का मन से वादा किया और कांग्रेस पार्टी से मुसलमान की भावनाओं को समझने का आह्वान किया।

रिटायर्ड आईएएस अशफाक हुसैन ने अपने संबोधन में कहा कि मुस्लिम समाज 99 प्रतिशत वोट कांग्रेस को देता है फिर भी कांग्रेस पार्टी मुसलमान की इज्जत नहीं करती है, मुसलमानों के मुद्दों पर उसके नेता बोलते नहीं है। जबकि प्रदेश में जो सबसे बड़े नेता हैं वह मुसलमानों के वोट से जीत कर आए हैं। यदि मुसलमान चुनाव में घर बैठ जाता है और वोट देने बूथ पर नहीं जाता तो यह कांग्रेसी बड़े नेता हमेशा के लिए घर बैठ जाएंगे। अशफाक हुसैन ने कहा कि आसानी से किसी को कुछ नहीं मिलता है।  यदि 70 हज़ार वोट झुंझुनू विधानसभा में एकसाथ रहते हैं तो पार्टियों को कुछ देना तो पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मैं झुंझुनू की जनता के साथ हूं और जो भी निर्णय सबका होगा निभाया जाएगा।

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